रात हुई तब चंदा आया
तारों ने आकाश सजाया
मेरी माँ ने लोरी गाई
चुपके - चुपके िनिदया आई
प्यारा- सा इक सपना देखा
बादल में घर अपना देखा |
तारों ने आकाश सजाया
मेरी माँ ने लोरी गाई
चुपके - चुपके िनिदया आई
प्यारा- सा इक सपना देखा
बादल में घर अपना देखा |
| Posted by kullu |
Labels: Hindi Rhymes
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