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मेरी िबल्ली

मैंने एक िबल्ली है पाली
कुछ भूरी है कुछ कुछ काली
दूध िपलाऊँ भर भर पयाली
दौड़ी आती सुनकर ताली
उसके गले जब घंटी डाली
घर चूहों से हो गया खाली

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